Best Hindi Poem Which All
Children Should Know
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अग्नि पथ ! अग्नि पथ ! अग्नि पथ !
वृक्ष हों भले खड़े ,
हों घने , हों बड़े ,
एक पत्र - छाँह भी माँग मत , माँग मत , माँग मत !
अग्नि पथ ! अग्नि पथ ! अग्नि पथ !
तू न थकेगा कभी !
तू न थमेगा कभी !
तू न मुड़ेगा कभी ! -कर शपथ , कर शपथ , कर शपथ !
अग्नि पथ ! अग्नि पथ ! अग्नि पथ !
यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु - स्वेद - रक्त से लथपथ , लथपथ , लथपथ !
अग्नि पथ ! अग्नि पथ ! अग्नि पथ !
Here, in my blog, I have sorted out some of the best authors' Hindi poem which every children should know.
मैंने अपने ब्लॉग में हिंदी कविताएं जो कि सभी बच्चे को पढ़नी चाहिए लिख कर रखी है।
यह सारी हिंदी कविताएं आप हिंदी कविता कॉन्टेस्ट के लिए याद कर सकते हैं।
उम्मीद है कि यह सारी कविताएं आपको अच्छी लगी होगी। यदि अगर आप इसके बारे में राय देना चाहते हैं तो आप कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं।
जलियॉंवाला बाग
यहाँ कोकिला नहीं , काक हैं शोर मचाते , काले - काले कीट , भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली , मिली हैं कंटक कुल से, वे पौधे , वे पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे । परिमल - हीन पराग दाग - सा बना पड़ा है , हा ! यह प्यारा बाग खून से सना पड़ा है । आओ , प्रिय ऋतुराज ! किंतु धीरे से आना , यह है शोक - स्थान , यहाँ मत शोर मचाना। वायु चले , पर मंद चाल से उसे चलाना ,
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जलियॉंवाला बाग |
दुख की आहे संग उड़ाकर मत ले जाना। कोकिल गावे , किंतु राग रोने का गावे , भ्रमर करे गुंजार , कष्ट की कथा सुनावे ।। लाना संग में पुष्प , न हों वे अधिक सजीले , हो सुगंध भी मंद , ओस से कुछ - कुछ गीले। किंतु न तुम उपहार भाव आकर दरशाना , स्मृति में पूजा हेतु यहाँ थोड़े बिखराना । कोमल बालक मरे यहाँ गोली खा - खाकर , कलि उनके लिए गिराना थोड़ी लाकर । आशाओं से भरे हृदय भी छिन्न हुए हैं , अपने प्रिय परिवार - देश से भिन्न हुए हैं । कुछ कलियाँ अधखिली यहाँ इसलिए चढ़ाना , करके उनकी याद अरु की ओस बहाना । तड़प - तड़पकर वृद्ध मरे हैं गोली खाकर , शुष्क पुष्प कुछ वहाँ , गिरा देना तुम जाकर। यह सब करना , किंतु बहुत धीरे से आना ,
यह है शोक - स्थान , यहाँ मत शोर मचाना।
----सुभद्राकुमारी चौहान
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सारे ज़हॉं से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा , हिंदोस्ताँ हमारा - हमारा ।
हम बुलबुले हैं इसकी , ये गुलिस्ताँ हमारा - हमारा ।
सारे जहाँ से अच्छा ,..
पर्वत हैं इसके ऊँचे , प्यारी हैं इसकी नदियाँ ,
आगोश में इसी की , गुज़री हज़ारों सदियाँ ।
हँसता है बिजलियों पर आसमाँ हमारा - हमारा ।
सारे जहाँ से अच्छा ,... वीरान कर दिया था , आँधी ने इस चमन को , देकर लहू बचाया , गांधी ने इस चमन को । रक्षा करेगा इसकी हर नौजवाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा , .. आवाज़ दे रहा है , ये अमन का पुजारी , ये जंग और लड़ाई , हमको नहीं है प्यारी । क्या कह रहा है देखो , कौमी निशाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा ,... हर ज़र्रा इस वतन का , देता है ये सदाएँ , पहला कदम अहिंसा , दुनिया को हम सिखाएँ । अपने बासन जोड़ो , सुन लो बयाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा , . . . . ओ जंग करने वालो , जंगों से बाज़ आओ , दुनिया है ये हमारी , इसको न तुम मिटाओ , अपनी बिगड़ गई तो , बच्चों पे रहम खाओ । सारे जहाँ के हम हैं , सारा जहाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा ,.....
सारे जहाँ से अच्छा ,... वीरान कर दिया था , आँधी ने इस चमन को , देकर लहू बचाया , गांधी ने इस चमन को । रक्षा करेगा इसकी हर नौजवाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा , .. आवाज़ दे रहा है , ये अमन का पुजारी , ये जंग और लड़ाई , हमको नहीं है प्यारी । क्या कह रहा है देखो , कौमी निशाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा ,... हर ज़र्रा इस वतन का , देता है ये सदाएँ , पहला कदम अहिंसा , दुनिया को हम सिखाएँ । अपने बासन जोड़ो , सुन लो बयाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा , . . . . ओ जंग करने वालो , जंगों से बाज़ आओ , दुनिया है ये हमारी , इसको न तुम मिटाओ , अपनी बिगड़ गई तो , बच्चों पे रहम खाओ । सारे जहाँ के हम हैं , सारा जहाँ हमारा - हमारा । सारे जहाँ से अच्छा ,.....
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अग्नि पथ
-----हरिवंशराय बच्चन
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आदमी नामा
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस - ओ - गदा है सो है वो भी आदमी
जरदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
टुकड़े चबा रहा है सो है वो भी आदमी जो
मसजिद भी आदमी ने बनाई है यां मियाँ
बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ
पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी
यां आदमी पै जान को वारे है आदमी
और आदमी पै तेग को मारे है आदमी
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी
अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर
अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर
और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी
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I hope these poems have helped you in your related queries.
I want to convey you one message to you all that please never leave your culture. Show what you are.
For further details you can sak me in comment section.
JAI HIND JAI BHARAT
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